- VIDEO : नैनीताल जिला बार के अध्यक्ष बने भगवत और दीपक सचिव
- Haldwani: कमिश्नर दीपक रावत ने पूछा सवाल- ब्रिज के नट बोल्ट गायब हुए हैं या चोरी? जवाब सुनते ही लिया एक्शन
- Nainital: हाईकोर्ट ने फईम की हत्या की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश, बनभूलपुरा हिंसा में गई थी जान
- Weather: हल्द्वानी में बढ़ने लगी गर्मी, 30.6 पहुंचा पारा, 15 मार्च से पहले पिछले सालों में ऐसा रहा था तापमान
- 60 ताल वाले नैनीताल में बचे गिनती के जलाशय: कैसे कलकल बहे शिप्रा, गर्मी के समय छह माह नदियों को देते थे जीवन
- Nainital News: गुरप्रीत की जगह गुरमीत को उठा ले गई यूपी पुलिस
- Nainital News: जाम से परेशान पुलिस प्रशासन ने जारी किया रूट डायवर्जन प्लान
- Nainital News: आज से दो माह बंद रहेगा आरटीओ रोड पर वाहनों का संचालन
- Nainital News: सरवरयार खान ने अपने बयान पर जताया खेद
- Nainital News: सरवरयार खान ने अपने बयान पर जताया खेद
- Haldwani: चौकी के पास पुल के नट-बोल्ट खोल ले गए चोर, दौड़ता रहा ट्रैफिक; ऐसे हुआ खुलासा, अब बैली ब्रिज बंद
- Nainital: हाईकोर्ट में पेश हों यूपी-उत्तराखंड के अधिकारी, जानिये पूरा मामला; अगली सुनवाई 21 को होगी
- Udham Singh Nagar News: मुर्गा बनाकर पीटने पर छह अधिकारियों पर गिरी गाज, पद से हटाया
- Nainital News: जेई और टीम पर हमला करने वाले भाइयों पर मुकदमा
- Nainital News: सेंट्रल एसी तैयार नहीं, एसटीएच प्रबंधन के माथे पर पसीना
- Nainital News: हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, 19 गांवों को काशीपुर में मिलाने पर सरकार स्पष्ट करे स्थिति
- Uttarakhand: मुर्गा बनाकर पीटने का वीडियो वायरल, विधायक बेहड़ बोले- मामले को राजभवन में ले जाएंगे
- VIDEO : जिला बार का सम्मान और अधिवक्ताओं के काम सर्वोपरि, चुनाव से पहले आम सभा में प्रत्याशियों ने रखे विचार
- VIDEO : जलवायु परिवर्तन है वास्तविक संकट : प्रो. जोशी
- Nainital News: एक युवक का शव नाले में मिला, दूसरे का रेलवे स्टेशन के बाहर
शिप्रा नदी के लिए कभी भवाली में जलस्रोत का सबसे बड़ा माध्यम वेटलैंड भी हुआ करता था। यहां के साठ जलाशय इस क्षेत्र को जल से परिपूर्ण रखते थे। यही जल शिप्रा को भी जीवन देता था और जंगल को नवजीवन। समय के साथ छकाता सिमटा तो अब गिनती के जलाशय ही सामने हैं।
शिप्रा नदी के लिए कभी भवाली में जलस्रोत का सबसे बड़ा माध्यम वेटलैंड भी हुआ करता था। यहां के साठ जलाशय इस क्षेत्र को जल से परिपूर्ण रखते थे। यही जल शिप्रा को भी जीवन देता था और जंगल को नवजीवन। समय के साथ छकाता सिमटा तो अब गिनती के जलाशय ही सामने हैं।