हल्द्वानी में नेचर के करीब कई ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जहां आप नैनीताल जाने से पहले भरपूर आनंद उठा सकते हैं। इन जगहों में भूजियाघाट, सूर्या गांव शीतला देवी मंदिर कालीचौड़ मंदिर और वन अनुसंधान केन्द्र एक्सप्लोर किया जा सकता है। हल्द्वानी में आसपास की ही जगहों को घूम लीजिए। यहां कुछ ऐसे टूरिस्ट स्पाट और मंदिर हैं जो आपको कोलाहल से दूर काफी सुकून देंगे।
भूजियाघाट (Bhujiaghat)
हल्द्वानी से सटे काठगोदाम के आगे भूजियाघाट से सूर्या गांव के रास्ते पर पहाड़ी की तलहटी में कई रिसार्ट और टूरिस्ट स्पाट डेवलेप किए गए हैं। जहां पर कई एडवेंचर एक्टीविटी कराई जाती है। प्रकृति के बीच विकसित की गई ये जगह लोगों का मन मोह लेती है। यहां कोठगोदाम के आगे एचएमटी के रास्ते से भी पहुंचा जा सकता है।
शीतला देवी मंदिर - Sheetla Devi Mandir
काठगोदाम रेलवे स्टेशन से नैनीताल रोड पर थोड़ा आगे बढ़ने के दौरान शीतला देवी मंदिर है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सौ से अधिक सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। पहाड़ी पर जंगल के बीच मंदिर परिसर को काफी खूबसूरती से विकासित किया गया है। जिसकी नियमित देखरेख भी की जाती है।
कालीचौड़ मंदिर - Kalichaur Temple Haldwani
जंगल के बीचोबीच मां काली का प्राचीन मंदिर हल्द्वानी के गौलापार में स्थित है। कालीचौड़ मंदिर ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है। किंवदंती है कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक भक्त को देवी ने सपने में दर्शन दिए थे और इस जगह पर जमीन में दबी अपनी प्रतिमा के बारे में बताया था। जिसके बाद जमीन की खुदाई कर मां काली समेत सभी मूर्तियों को बाहर निकाला गया और जंगल के बीचोंबीच ही देवी का मंदिर स्थापित किया गया, जिसे आज कालीचौड़ मंदिर नाम से जाना जाता है।
वन अनुसंधान हल्द्वानी - FTI Haldwani
हल्द्वानी में रामपुर रोड पर स्थित वन अनुसंधान केन्द्र ने विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों को संरक्षित कर रखा है। यहां पर डायनासोर युग की भी वनस्पतियां संरक्षित की गई हैं। इसके साथ ही परिसर के अंदर डायनासोर पार्क भी बनाया गया है। यहां पर देश के साथ ही दूसरे देशों से भी रिसर्च करने वाले बच्चे पहुंचते हैं। आप भी अपने बच्चों को यहां पर घुमाने का प्लान बना सकते हैं।
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Govind Bora